‘आज मैं अमेरिका के लोगों और दुनिया को यह बता सकता हूं कि अमेरिका द्वारा संचालित एक विशेष ऑपरेशन में अलकायदा का सरगना और हजारों बेगुनाहों की मौत का जिम्मेदार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन मारा गया है।
‘लगभग दस साल पहले अमेरिका पर हुए सबसे भीषण हमले के बाद सितंबर के उस चमकीले दिन पर अंधकार की एक गहरी छाया छा गई थी। 9/11 की वे भयावह छवियां हमारी याददाश्त में आज भी बरकरार हैं। सितंबर के साफ आकाश में तैरते हाईजैक्ड हवाई जहाज, धराशायी होते ट्विन टॉवर्स, पेंटागन से उठता काला धुआं, शैंक्सवाइल पेनिसिल्वेनिया में फ्लाइट 93 का मलबा। इसके बावजूद हम जानते हैं कि उस हादसे की सबसे दर्दनाक छवियां वे हैं, जो किसी ने नहीं देखीं। डिनर के दौरान खाली कुर्सियां, अपनी मां या पिता को गंवा देने वाले बच्चे या वे माता-पिता, जो कभी नहीं जान पाएंगे कि एक मासूम बच्चे का स्पर्श क्या होता है। हादसे में मारे गए तकरीबन तीन हजार लोगों की जिंदगी की भरपाई कभी नहीं की जा सकेगी।
‘लेकिन दुख के उस क्षण में भी अमेरिका के लोग एकजुट हुए। हमने अपने पड़ोसियों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया और जख्मियों को अपना खून दिया। हमने प्रेम और राष्ट्रीयता के बंधनों को और मजबूत कर लिया। उस दिन हम सभी एक अमेरिकी परिवार की तरह एक साथ थे और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि हम किस जाति और नस्ल के हैं या किस ईश्वर की प्रार्थना करते हैं। हम अपने देश की रक्षा करने और इस जघन्य आक्रमण के जिम्मेदारों का इंसाफ करने के अपने संकल्प के प्रति भी प्रतिबद्ध थे। हमने जल्द ही पता लगा लिया कि ये हमले अलकायदा द्वारा करवाए गए थे, जिनका सरगना था ओसामा बिना लादेन। यह वह शख्स था, जिसने अमेरिका के विरुद्ध खुलेआम जंग का एलान किया था और जो दुनियाभर में बेगुनाहों का कत्ल करने के लिए कमर कसे हुए था। और इसी तरह हमने अपने नागरिकों, अपने दोस्तों और साथियों की रक्षा करने के लिए अलकायदा के खिलाफ जंग छेड़ दी।
‘बीते दस सालों में हमने अपनी फौज और आतंकरोधी पेशेवरों की अथक मेहनत की वजह से इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की। हमने आतंकी हमलों पर रोक लगाई और अपने रक्षा तंत्र को मजबूत किया। अफगानिस्तान में हमने तालिबानी हुकूमत का सफाया किया, जिसने ओसामा और अलकायदा को आश्रय और संरक्षण दिया था। इसके बावजूद हम ओसामा को पकड़ नहीं पाए और वह अफगानिस्तान की सीमाएं लांघकर पाकिस्तान चला गया। इस दौरान अलकायदा ने दुनियाभर में फैले अपने सहयोगियों की मदद से अपनी गतिविधियों को जारी रखा। इसीलिए राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ ही समय बाद मैंने सीआईए के निदेशक लियोन पानेट्टा को निर्देशित किया कि वे अलकायदा के विरुद्ध जारी जंग में ओसामा की गिरफ्तारी या उसके खात्मे को अपनी वरीयता में सबसे ऊपर रखें।
‘गत अगस्त में हमारे खुफिया विभाग के वर्षो के अथक परिश्रम के बाद हमें बिन लादेन के बारे में कुछ सूचनाएं मिलीं। हमें पता चला कि बिन लादेन पाकिस्तान के किसी अंदरूनी इलाके के एक कंपाउंड में छुपा हुआ हो सकता है और मैंने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से लगातार भेंट करते हुए इस संबंध में ज्यादा से ज्यादा सूचनाएं जुटाने का प्रयास किया। आखिरकार पिछले हफ्ते हमने यह निश्चय किया कि अब हमारे पास पर्याप्त खुफिया सूचनाएं हैं और अब हम अपनी कार्रवाई कर सकते हैं। आज मेरे निर्देश पर अमेरिका ने पाकिस्तान के एबटाबाद स्थित उस कंपाउंड पर एक टारगेटेड ऑपरेशन लॉन्च किया। एक छोटी-सी टीम ने अपूर्व साहस और दक्षता का परिचय देते हुए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। ऑपरेशन में कोई भी अमेरिकी हताहत नहीं हुआ। हमने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी नागरिक को इससे कोई क्षति न पहुंचे। हमारी टीम ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया और उसके मृत शरीर को जब्त कर लिया।
‘दो दशक से भी अधिक समय से लादेन अलकायदा का सरगना और उसका प्रतीक बना हुआ था और वह हमारे और हमारे साथियों के विरुद्ध आक्रमण की योजनाएं बना रहा था। ओसामा बिन लादेन की मृत्यु अलकायदा के विरुद्ध हमारे संघर्ष की सबसे महत्वपूर्ण घटना है। इसके बावजूद हमारे अभियान का यहां अंत नहीं होता। इसमें कोई शक नहीं कि अलकायदा हम पर हमले करने की योजनाएं बनाता रहेगा। हम लगातार सतर्क बने रहेंगे, लेकिन साथ ही हम यह भी दोहराते हैं कि हमारी लड़ाई इस्लाम के विरुद्ध न है और न कभी होगी। मैं स्पष्टत: यह बात कह रहा हूं, जैसा कि राष्ट्रपति बुश ने 9/11 के ठीक बाद कहा था, क्योंकि बिन लादेन कोई मुस्लिम नेता नहीं था। वह मुस्लिमों का हत्यारा था। अलकायदा ने कई देशों में मुस्लिमों का भी बड़े पैमाने पर जनसंहार किया है। उसके अंत का उन सभी व्यक्तियों द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए, जो शांति और मानवीय अस्मिता में विश्वास करते हैं।
‘पिछले कुछ सालों में मैंने बार-बार यह बात साफ की है कि यदि हमें बिन लादेन के ठिकाने का पता चल जाता है तो हम पाकिस्तान में ही कार्रवाई करने से नहीं चूकेंगे। हमने यही किया। लेकिन यह भी उल्लेखनीय है कि हमारे आतंकरोधी अभियान को पाकिस्तान से मिली सहायता के बाद ही हम उस कंपाउंड तक पहुंच सके, जहां लादेन छिपा हुआ था। निश्चित ही लादेन ने पाकिस्तान के विरुद्ध भी जंग छेड़ रखी थी। इस लड़ाई की शुरुआत अमेरिका ने नहीं की थी। वे हमारे देश आए और हमारे नागरिकों की बेतुके ढंग से हत्या कर उन्होंने इस लड़ाई की शुरुआत की। आज लगभग एक दशक लंबे संघर्ष के बाद हम लड़ाई की कीमत समझे हैं, लेकिन हम अपनी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। न ही हम अपने देशवासियों की हत्या पर चुपचाप बैठे रहेंगे। आज हम अलकायदा का शिकार होने वाले लोगों के परिवार से यह बात कह सकते हैं कि आखिरकार हमने इंसाफ कर दिया है।’
(अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा ओसामा बिन लादेन की मृत्यु की पुष्टि के बाद दिए गए भाषण के मुख्य अंश।)
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