भगवान राम विराजमान की ओर से भी एक याचिका दायर की गई है। भगवान राम विराजमान की याचिका में भूमि के बंटवारे का विरोध करते हुए कहा गया है कि ईश्वर का बंटवारा नहीं हो सकता। जब एक बार भूमि को राम जन्मभूमि घोषित कर दिया गया है, तो फिर उसे अंदर का हिस्सा, बाहर का हिस्सा या केंद्रीय गुंबद में बांटना गलत है।
भगवान राम विराजमान की अपील में सिर्फ जस्टिस एसयू खान व जस्टिस सुधीर अग्रवाल के फैसले को ही चुनौती दी गई है क्योंकि तीसरे जज डीबी शर्मा ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए फैसला भगवान राम विराजमान के हक में सुनाया था। जमीन के बंटवारे पर एतराज निर्मोही अखाड़ा और हिंदू महासभा को भी है। उसने भी बंटवारे का फैसला रद्द करने की मांग की है।
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