Friday, May 6, 2011

27 साल तक पाक सेना की दरिंदगी झेलता रहा यह शख्स!


अहमदाबाद। जासूसी के आरोप में पाकिस्तान बॉर्डर पर गिरफ्तार होने और जीवन के बहुमूल्य 27 साल का समय गुजारने के बाद वापस वतन लौटे गोपालदास के लिए यह समय कितना भयानक रहा होगा, शायद इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

इस संबंध में जब गोपालदास से बात की गई तो उनका कहना था कि यातना भरा उनका यह सफर कभी न भूलने वाला है क्योंकि उन्होंने लगातार तीन साल तक कोर्ट मार्शल में असहनीय टॉर्चर के बाद 24 साल की कठोर सजा भी सहन की। लेकिन उनकी तकलीफ यह नहीं है, उन्हें दुख इस बात का है कि एक भारतीय अधिकारी ने ही उनके साथ धोखा किया।

इस अधिकारी ने डबल क्रॉसिंग की और पाकिस्तानी अधिकारियों को उनके पाकिस्तान पहुंचने की खबर दे दी, जिससे उन्हें बॉर्डर पर ही पाकिस्तानी फौज ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि इससे पहले मसलन 1977 से वे लगातार पाकिस्तान जाकर भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां लाते रहे हैं। वे एक माह में दो बार पाकिस्तान जाते और वहां 5-6 दिन में खुफिया जानकारी एकत्रित कर वापस भारत आ जाते थे।

इस बार (1984) उन्हें पाकिस्तानी एयरफोर्स और पुलों की जानकारी लेने के लिए पाकिस्तान भेजा गया था लेकिन वे बॉर्डर पर ही गिरफ्तार कर लिए गए। उनका कहना है कि वे एक भारतीय फौज के अधिकारी के चलते ही पकड़े गए, जिसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को इसकी खबर कर दी।

गोपालदास ने बताया कि उन्हें कोर्ट मार्शल के तहत लगातार 3 साल तक कठोर यातना दी गई। टॉर्चर इतना भयानक होता था कि वे कई बार बेहोश हो जाते थे और होश में आते ही फिर टॉर्चर किया जाता था। यातना भरे तीन सालों के बाद उन्हें 24 साल तक सश्रम कारावास के लिए जेल भेज दिया गया।

गोपालदास ने बताया कि सियामाली जेल में उन्होंने 18 वर्ष गुजारे तब वहां उनकी मुलाकात एक भारतीय से भी हुई। वह भी भारतीय सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन भारतीय सरकार द्वारा उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। गोपालदास का यह भी कहना है कि पाकिस्तान की जेलों में ऐसे अनेक भारतीय वर्षों से कैद हैं लेकिन सरकार द्वारा जैसे उन्हें भुला ही दिया गया है।

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