Sunday, May 8, 2011

शिक्षा के साथ खिलवाड़

अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक होने का तात्कालिक परिणाम भले ही यह नजर आ रहा हो कि इससे विद्यार्थियों को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा और कुछ देर के लिए उलझन की स्थिति पैदा हुई, लेकिन इसके कारण कहीं ज्यादा गहरे और परिणाम दूरगामी हैं। महत्वपूर्ण परीक्षाओं के पेपर लीक होना अब आम बात होती जा रही है।

इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक होने की सूचना पहले ही प्राप्त हो जाने के कारण परीक्षा काफी देरी से शुरू हुई, लेकिन यदि यह सूचना लीक न हुई होती तो बहुत से ऐसे विद्यार्थी भी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर लेते, जो उसके योग्य नहीं हैं। आज देश में चारों ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जाहिर है कि शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। वह घटना अभी बहुत पुरानी नहीं हुई है, जब फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर पायलट जैसे महत्वपूर्ण पद पर काम करने वाले लोगों का मामला सामने आया था। यह इसलिए और भी ज्यादा चिंता का विषय है क्योंकि अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी कल देश के गंभीर और जिम्मेदार पदों पर होंगे और उनके कंधों पर महत्वपूर्ण दायित्व होंगे।

यदि इसकी शुरुआत ही भ्रष्टाचार, नकल व झूठ की बुनियाद पर हो तो इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। पेपर लीक होने की यह घटना इस गंभीर खतरे की ओर भी इशारा करती है कि आज देश भ्रष्टाचार में इस कदर डूबा हुआ है कि यहां पैसे के लिए कुछ भी किया जा सकता है। सही-गलत, उचित-अनुचित की कोई सीमा नहीं रह गई है। अगर शिक्षा जैसा क्षेत्र भी भ्रष्टाचार और पैसे के इस खेल से अछूता नहीं रह गया है तो भविष्य के खतरों की कल्पना की जा सकती है। ऐसे में देश के महत्वपूर्ण पदों पर भी योग्यता नहीं, बल्कि नकल और जोड़-तोड़ के दम पर पहुंचने का अंदेशा रहेगा।

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